दीपनारायण सिंह
महाविद्यालय, भुसिया, रजौन
तिलकामांझी भागलपुर
विश्वविद्यालय, भागलपुर
से
सम्बद्ध
बांका अनुमंडल
में स्थित है
जिसकी स्थापना
14.10.1978
को
हिन्दी के उद्भट विद्वान डा0
शिवनंदन प्रसाद सिंह के कर-कमलों द्वारा हुआ।
महाविद्यालय को
तिलकामांझी
भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर से तीनों संकायों में स्थायी
पास एवं प्रतिष्ठा स्तर तक संबद्धता प्राप्त है।
तीन छात्रों से पढाई आरंभ की गई थी और अभी 8000 ( आठ हजार) से
अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं।

महाविद्यालय को
UGC से 2 एफ एवं
12 बी की मान्यता 2013
में भारत सरकार से प्राप्त है।
विश्वविद्यालय की शर्त के अनुसार महाविद्यालय को 10 एकड़ भुमि
होनी चाहिये लेकिन महाविद्यालय के पास 7 एकड़ ही जमीन थी।
महाविद्यालय के कर्मठ शिक्षक- शिक्षकेतर कर्मचारियों की कड़ी
मेहंनत एवं परिश्रम के बल पर महाविद्यालय के संसाधन से 18 एकड़
जमीन की खरीद की गई। महाविद्यालय के सम्मुख
(FRONT )भवन के लिये दुसरा खंड भी खरीद
लिया गया एवं भवन निर्माण कार्य प्रगति पर है।
कौन कहता है कि आशमां में सुराख नहीं होता ।
एक पत्थर तो
तबियत से उछालो यारों ॥ |